परिचय | Introduction
सर्च इंजन ऑप्टिमिसेशन (SEO) – Google या अन्य किसी और सर्च इंजन के के पहले पेज पर अपनी वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक लाने के लिए Search Engine Optimisation (SEO) करना अनिवार्य है, SEO को मुख्य तोर पर 2 भाग में बांटा गया है,

ऑन-पेज SEO और ऑफ़-पेज SEO इन दोनों तरह के SEO को करने से ही वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक और वेबसाइट की खराबी को दूर किया जाता है, जिससे Google के SERP पर ऊपर दिखाया जा सकता है निचे On Page SEO और Off Page SEO को समझते है की आप इन्हे कैसे कर सकते है
On Page SEO की सुरुवात ऐसे करे:- ON page SEO को इस्तेमाल करके आप अपनी वेबसाइट के pages को google या अन्य किसी search इंजन पर रैंक कराने के हेतु बना सकते है, इसके अनादर कुछ प्रकार की टेक्निक्स होती है जिन्हे आप करके अपनी वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक ला सकते है
कुछ Techniques जो ON Page SEO में आती है!
Content Quality:- सुरुवात से ही कंटेंट को SEO में king बोला जाता है, इसलिए आप अच्छा कंटेंट लिख सकते है अपनी वेबसाइट के लिए और सावधानी से अच्छे keywords इस्तेमाल कर सकते है
Keyword Optimization:- यही आपको पहले ये समझना होगा यदि आप किसी विषय के ऊपर कंटेंट लिख रहे है तो आपको ये देखना होगा की उस कंटेंट के लिए आप अच्छे keywords को इस्तेमाल करे, जिससे उन कीवर्ड्स के ऊपर आपका आर्टिकल रैंक होने के चान्सेस बढ़ जायेंगे
Meta Tags:- ON page SEO ये अनादर Meta Tags काफी मायने रखते है,आपको website के हर पेज के मेटा टैग्स को optimise करना चाहिए जिससे आपके page की रैंकिंग बढ़ने मैं मदद मिलेगी!
URL Structure:- रैंकिंग के लिए पेजेज के URLs भी काफी मायने रखते है, ध्यान रखे की आप जब भी urls बनाये तो उसे छोटा और आसानी से समझ आये की पेज किस बारे में है ऐसा रखे, Tip:- आप URLs में अपना main keyword भी रख सकते है जिससे आपको रैंकिंग में मदद आएगी!
Internal Linking:– वेबसाइट में 2 पेजेज को आपस में लिंक के माध्यम से जोड़ना ही internal Linking कहलाता है, जिसके माध्यम से आप आसानी से Users को अपनी वेबसाइट में व्यस्त रख सकते है और अपनी वेबसाइट पर अधिक समय तक रोक सकते है!
User Experience (UX):– अपनी वेबसाइट की लोड स्पीड को काम कर सकते है, और आज कल यूजर मोबाइल पर ज्यादा सर्च करते है तो उसके लिए Mobile के लिए अपनी को Mobile friendly बना सकते है !
Schema Markup:- Schema Markup:- structured data अपनी वेबसाइट के पेज मैं डालने से google को आप अच्छे से बता सकते है उस पेज के कंटेंट के बारे मैं और google या किसी अन्य search Engine पर आपका पेज किस तरीके से दिखेगा ये बी आप Schema Data के माध्यम से बता सकते है,
Schema Markup Data कितने प्रकार के होते है?
- Article
- Breadcrumb
- Event
- FAQs
- How-to
- Local Business
- Organization
- Product
- Video
- Website
इन सभी स्कीमा मैं आप अपनी वेबसाइट के लिए सेलेक्ट करके schema ऐड कर सकते है निचे में आपको वेबसाइट की लिंक दे रहा हु जिससे आप आसानी से अपनी वेबसाइट के लिए schema गेनेराते कर सकते है

Core Web Vitals: वेबसाइट के लिए यूजर एक्सपीरियंस क्यों है महत्वपूर्ण?
यदि आप user को अपनी वेबसाइट पर रखना चाहते है तो आपको यूजर एक्सपीरियंस (User Experience) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2020 के अस पास, गूगल ने Core Web Vitals को प्रस्तुत किया था, जो यूजर्स के लिए वेबसाइट के अनुभव को आसान करने मैं मदद करता है,
जाने Core Web Vitals के तीन प्रमुख मेट्रिक्स जिसके आधार पर आप वेबसाइट की स्पीड को ठीक कर सकते है
- Largest Contentful Paint (LCP):
यह पेज के लोडिंग स्पीड को मापता है और उस समय को दर्शाता है जब अधिकांश पेज कंटेंट डाउनलोड हो चुका होता है।
- First Input Delay (FID):
यह मेट्रिक यूजर के पेज से पहली बार इंटरएक्ट करने के अनुभव को मापता है।
- Cumulative Layout Shift (CLS):
यह पेज के Visual Content में होने वाले शिफ्ट को मापता है और पेज की स्थिरता को दर्शाता है। इसका मुख्य कारण होता है – बिना डाइमेंशन्स वाली इमेज, डायनामिकली जोड़ा गया कंटेंट, वेब फोंट्स की वजह से होने वाले FOIT/FOUT इफेक्ट, और बिना डाइमेंशन्स जोड़े गए अन्य एम्बेड्स।

निचे मैं आपको वेबसाइट की link दे देता हु, जिससे आप आसानी से अपनी वेबसाइट की स्पीड को नाप सकते है
Website Link
Technical SEO:- ऑन-पेज SEO और ऑफ़-पेज SEO के बाद ये टेक्निकल seo भी मायने रखा है, technical seo के अनादर कुछ ऐसी techniques आती है जिनको करने से पूरी वेबसाइट पर इसका असर पड़ता है, example के लिए जैसे Robots.txt, और वेबसाइट का sitemap बनाना ये technical seo के अंदर ही आता है!
Off Page SEO क्या होता है और कैसे करे?
आसन भाषा मैं Off Page SEO के माध्यम से आप अपनी वेबसाइट की Authority जैसे DA और PA को बड़ा सकते है, और अच्छी Authority वाली वेबसाइट पर अपनी वेबसाइट की Link देकर Google को इंडीकेट कर सकते है की हमारी वेबसाइट की Authority अच्छी हो, जिसे बैकलिंक्स (Backlinks In Hindi) बोला जाता है। बैकलिंक दो प्रकार की होती है
Backlink के प्रकार
- Dofollow
- NoFollow
Off Page SEO के टाइप
बैसे तो Off Page SEO के बहुत सारे प्रकार होते है और काफी लोग उन्हें अलग अलग नाम से बी बोलते है पर में आपको Top 10 Types बता देता हूँ। जिसे आप करके अपनी वेबसाइट को rank कर सकते है और Search Engines में अच्छी Position पर ला सकते है
- Inbound links
- Social media marketing
- Guest posting
- Influencer marketing
- Relationship Building
निष्कर्ष:- इस ब्लॉग के मद्धम से आप समझ चुके होंगे की On पेज और off पेज SEO के बिच मैं क्या अंतर होता है और ये दोनों प्रकार का SEO आप अपनी वेबसाइट के लिए कैसे कर सकते है और इनका इम्पोर्टेंस क्या है यदि आपको कुछ पूछना है तो आप मुझे Email कर सकते है
Frequently Asked Questions (FAQs)
Q1. ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ में क्या अंतर है?
ऑन-पेज एसईओ वेबसाइट के अंदरूनी पहलुओं, जैसे कि कंटेंट, कीवर्ड्स, मेटा टैग्स, और इमेज ऑप्टिमाइजेशन पर ध्यान केंद्रित करता है। वहीं, ऑफ-पेज एसईओ वेबसाइट के बाहर के कारकों, जैसे कि बैकलिंक्स और सोशल मीडिया प्रमोशन, पर काम करता है।
Q2. ऑन-पेज एसईओ रैंकिंग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
ऑन-पेज एसईओ सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट और उसके कंटेंट को समझने में मदद करता है। यह वेबसाइट की गुणवत्ता सुधारता है और यूजर के अनुभव को बेहतर बनाता है।
Q3. ऑफ-पेज एसईओ वेबसाइट की अथॉरिटी कैसे बढ़ाता है?
ऑफ-पेज एसईओ अन्य वेबसाइट्स से बैकलिंक्स प्राप्त करने और सोशल मीडिया पर प्रमोशन के जरिए आपकी वेबसाइट की क्रेडिबिलिटी बढ़ाता है। इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बेहतर होती है।