परिचय
इस ब्लॉग के माध्यम से आपको जानने को मिलेगा Plagiarism Meaning in Hindi और सरल तरीके से जिससे आपको यह भी समझ आएगा की कंटेंट में “साहित्यिक चोरी” मतलब Plagiarism क्यों नहीं होना चाहिए। इसी के साथ कोनसे टूल है जिससे आप अपने कंटेंट का Plagiarism देख सकते है?
Plagiarism Meaning in Hindi | साहित्यिक चोरी क्या है?
आप यदि किसी और वेबसाइट के कंटेंट को अपना बता कर अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करते है। और उस वेबसाइट को क्रेडिट (Credit) भी नहीं देते है तो यह SEO की दुनिया में साहित्यिक चोरी मतलब Plagiarism कहलाता है।
यह थोड़ा डुप्लीकेट कंटेंट की तरह आपको लग सकता है पर ऐसा नहीं है। डुप्लीकेट कंटेंट अलग होता है। आगे उसे भी समझेंगे –
Plagiarism kya Hai? समझना क्यों जरुरी है?
Plagiarism kya Hai: यदि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग बनाना चाहते है या बना चुके है तो आपको यह जरूर समझ लेना चाहिए यदि आप प्लैगियरिज्म कंटेंट इस्तेमाल करते है। तो आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के रैंक होने के चान्सेस काफी काम हो जाते है क्योकि गूगल समझ लेता है की अपने यह कंटेंट कहा से उठाया है और उस कंटेंट को क्रेडिट भी नहीं दिया है।
प्लैगियरिज्म के प्रकार | Types Of Plagiarism in Hindi
किसी दूसरे के कंटेंट को अपना बता कर पोस्ट करना ही प्लैगियरिज्म है सायद आपको अब Plagiarism Meaning in hindi समझ आ गया होगा इसलिए अब एक कदम आगे बढ़ते है। और बात करते है की प्लैगियरिज्म कितने प्रकार का हो सकता है। इन प्रकार के माधयम से आप यह भी समझ जायेंगे की कही आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए इनमें से किसी प्रकार का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे है।

1. सीधा साहित्यिक चोरी (Direct Plagiarism)
इसका मतलब है की यदि आप सीधा किसी वेबसाइट या ब्लॉग का कंटेंट उठा लेते है और अपनी वेबसाइट पर डाल देते है इसे सीधा साहित्यिक चोरी के रूप में देखा जा सकता है पर ऐसा करने पर गूगल इस बात को समझ लेना और आपके उस पेज को हो सकता है इंडेक्स होने में परेशानी का सामना करना पड़े।
गूगल के अनुसार यदि कोई वेबसाइट सीधा साहित्यिक चोरी करती है तो गूगल उसे सर्च रैंकिंग से तो गिराता ही है। और उस पेज को deindex भी कर देता है जिससे उस पेज का रैंक करना मुश्किल हो जाता है। Source Link
2. खुद साहित्यिक चोरी करना | (Self-Plagiarism)
खुद से साहितिक चोरी करना मतलब की आप अपने ही वेबसाइट के अलग अलग पेजेज पर एक जैसा कंटेंट डाल रहे है जिसे गूगल खुद साहित्यिक चोरी में मानता है। और यदि ऐसा करते हुए गूगल आपको पकड़ लेता है तो आपकी वेबसाइट रैंकिंग में गिरावट सुरु हो सकती है। Source Link
3. अलग अलग जगह से कंटेंट चुराना | (Mosaic Plagiarism)
Plagiarism kya hai यह आप इस बात से समझ सकते है और सायद आप भी ऐसा अभी तक कर रहे होंगे की आप यदि कोई ब्लॉग लिख रहे है और आप थोड़ा थोड़ा कंटेंट अलग अलग वेबसाइट से उठा रहे है तो गूगल इसे Mosaic Plagiarism की श्रेड़ी में डाल देगा जिसका भुगतान आपको रैंकिंग में बदलाब, पेजेज का डिंडेक्स होना यहाँ तक की वेबसाइट का सर्च इंजन से गायब होने तक चुकाना पड़ सकता है। Source Link
4. बिना समझ के प्लैगियरिज्म की चोरी | (Accidental Plagiarism)
कभी कभी होता है की हम कंटेंट लिख रहे होते है। पर सायद ठीक बैसा भी किसी और वेबसाइट ने लिखा हुआ है या हमने किसी वेबसाइट पर कुछ पड़ा और अपने शव्दो में लिख दिया। तो हमें लगता है की यह Plagiarism नहीं है। पर यह गूगल की नज़र में Accidental Plagiarism in hindi में आता है ऐसा होने पर आपकी वेबसाइट की आर्गेनिक ट्रैफिक में कमी आ सकती है और रैंकिंग को भी नुकसान पहुंच सकता है। Source Link
5. मतलब एक और शव्द बदल देना | (Paraphrasing Plagiarism)
एक ही लाइन को आप अपनी भाषा में लिख देते है पर उसका मतलब बही रहता है जहाँ से अपने वह कंटेंट पड़ा है इसलिए गूगल की नज़र में यह Paraphrasing Plagiarism in hindi में जाता है। ऐसा हो सकता है की आप इसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हो और आपको पता भी नहीं है की आपकी वेबसाइट में जो कंटेंट है गूगल उसे Paraphrasing Plagiarism मान रहा है। Source Link
प्लैगियरिज्म और डुप्लीकेट कंटेंट में अंतर | Difference between Plagiarism & Duplicate Content
अक्सर लोग समझते है की Plagiarism & Duplicate Content in Hindi एक ही होता है पर ऐसा नहीं है हालांकि दोनों में कुछ ज्यादा अलग अंतर नहीं है क्योकि दोनों कंटेंट की चोरी से ही रिलेटेड है। SEO Ka Gyan के इस ब्लॉग में हम दोनों में अंतर समझेंगे।
Plagiarism Meaning in Hindi: किसी दूसरी वेबसाइट के कंटेंट को बिना क्रेडिट दिए उठाने को प्लैगियरिज्म “साहित्यिक चोरी” बोला जाता है। यदि आप ऐसा करते पाए जाते है तो गूगल के द्वारा आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के कंटेंट को गैरकानूनी माना जाता है। और रैंकिंग में आपकी वेबसाइट को निचे गिरा दिया जायेगा।
Duplicate Content in Hindi: इसका मतलब है। की अपने एक ब्लॉग लिखा और आप अपने उस ब्लॉग के कंटेंट को बार बार अपनी वेबसाइट के अलग अलग पेजेज या ब्लोग्स में इस्तेमाल कर रहे है तो यह गूगल की नज़र मैं डुप्लीकेट कंटेंट कहलाया जाता है। यह गैरकानूनी तो नहीं है पर ऐसा पाए जाने पर गूगल आपकी वेबसाइट को उच्च श्रेड़ी की रैंकिंग प्रदान नहीं करता है।
कंटेंट में प्लैगियरिज्म क्यों नहीं होना चाहिए | Why should there be no plagiarism in content Hindi?
यदि आपके कंटेंट में प्लैगियरिज्म पाया जाता है तो आपको भिन्न भिन्न तरह से परेशानी हो सकती है। जैसे रैंकिंग में गिरावट, पेज डिंडेक्स होना, आर्गेनिक ट्रैफिक काम होना इत्यादि। आप प्लैगियरिज्म कंटेंट से कैसे बच सकते है देखते है कुछ पॉइंट्स जिन्हे आप कंटेंट लिखते समय याद रख सकते है।
- रैंकिंग में गिरावट:- जो मेने आपको प्लैगियरिज्म के प्रकार बताये है उनके हिसाब से आपको रैंकिंग में गिरावट तो तरह के प्लैगियरिज्म कंटेंट में देखने को मिलती ही है इसलिए यदि आप अच्छी रैंकिंग चाहते है तो प्लैगियरिज्म युक्त कंटेंट लिखे।
- पेज का डिंडेक्स होना: Plagiarism meaning in hindi यही मतलब है की आपके कंटेंट में प्लैगियरिज्म पाया जाता है तो उस पेज को गूगल डिंडेक्स कर देता है और उस पेज को बापस रैंकिंग में लाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- आर्गेनिक ट्रैफिक में कमी: एक बार वेबसाइट की रैंकिग में कमी हुई तो आर्गेनिक ट्रैफिक अपने आप दिन पर दिन काम होता चला जायेगा इसलिए यदि आप आर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाना चाहते है तो कंटेंट में प्लैगियरिज्म नहीं होना चाहिए।
- वेबसाइट का गूगल से गायब होना: ऐसा देखा गया है की यदि आपकी वेबसाइट में ज्यादा प्लैगियरिज्म है तो गूगल उस वेबसाइट को पेनॉइज़ कर देता है और पूरी वेबसाइट को ही सर्च इंजन से हटा देता है।
- गूगल एडसेंसे का अप्रूवल ना मिलना: एक ब्लॉग्गिंग वेबसाइट के लिए प्लैगियरिज्म बहुत मायने रखता है क्योकि आपको रोज़ या हफ्ते में 8 से 10 ब्लॉग डालने होते है और यदि आपके उन ब्लॉग के कंटेंट में प्लैगियरिज्म पाया जाता है तो आपको Google Adsense का Approval मिलना बहुत मुश्किल होता है क्योकि गूगल नया और जानकारी युक्त पेजेज को ही उसेर्स को दिखाना पसंद करता है।
कंटेंट में प्लैगियरिज्म है या नहीं कैसे पता करे?
यदि आप यह जानना चाहते है की आपके कंटेंट में प्लैगियरिज्म है या नहीं तो यह आप बहुत आसानी से पता कर सकते है कुछ प्लैगियरिज्म चेकर टूल्स (Plagiarism Checker Tools hindi) के माध्यम से, मैं आपको इस ब्लॉग में ऐसे टूल बता रहा हु इनके जरिये आप आराम में प्लैगियरिज्म चेक कर पाएंगे।
Plagiarism Checker Tools – हिंदी भाषा के लिए
यदि आपके पास ऐसी वेबसाइट या ब्लॉग है जिसपर आप हिंदी में कंटेंट डालते है। तो आप Plagiarism Checker hindi टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है प्लैगियरिज्म चेक करने के लिए
- Plagiarism Detector
- Quetext
- Prepostseo
- PlagScan
- Small SEO Tools
Plagiarism Checker Tools – इंग्लिश भाषा के लिए
वही अगर आपके पास ऐसी वेबसाइट या ब्लॉग है जिसपर आप अंग्रेजी में कंटेंट पोस्ट करते है तो आप इन प्लैगियरिज्म चेक करने वाले टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है
- Grammarly Premium
- Turnitin
- Copyscape
- Scribbr
- Duplichecker
इन टूल्स में से कुछ टूल फ्री है और कुछ पेड है इसलिए आप अपने हिसाब से इनका इस्तेमाल कर सकते है, अब अगर आप सोच रहे है की इन टूल्स का उपयोग करना कैसे है तो में आपकी इमेज के माध्यम से समझा देता हूँ।

उदाहरण के लिए मेने Duplichecker टूल का इस्तेमाल किया है जो भी अच्छा है और सही प्लैगियरिज्म की मात्रा को दर्शाता है जैसा की आप इमेज में देख सकते है की आप या तो अपने कंटेंट की Doc file को अपलोड कर सकते है या सीधा ऊपर कंटेंट कॉपी और पेस्ट कर सकते है। पर आपको यह ध्यान रखना है की कंटेंट की मात्रा 1000 शब्द से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

उदाहरण के लिए मेने अपने ब्लॉग का थोड़ा सा कंटेंट इस टूल में डाला तो इस टूल ने मुझे सोर्स के साथ बता दिया है की प्लैगियरिज्म कहाँ से आ रहा है ठीक इसी तरह आप भी अपने कंटेंट का प्लैगियरिज्म देख सकते है। सारे टूल में चेक करने की क्रिया एक जैसी ही है तो अपने हिसाब से टूल का चयन कर सकते है।
निष्कर्ष
प्लैगियरिज्म की मात्रा कंटेंट में अधिक होने से आप गूगल की रैंकिंग में ऊपर नहीं पहुंच सकते है इसलिए plagiarism meaning in hindi को अच्छे से समझे और जाने अनजाने में भी प्लैगियरिज्म वाला कंटेंट वेबसाइट या ब्लॉग पर भूल कर भी ना डाले, कंटेंट में प्लैगियरिज्म पाए जाने पर ट्रैफिक में कमी, हो सकती है इसलिए वेबसाइट के कंटेंट को अच्छे से चेक करने के लिए plagiarism checker in hindi टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है।
FAQs on plagiarism Kya Hai
Q1. सरल भाषा में प्लैगियरिज्म क्या होता है?
यदि आप भी गूगल पर सर्च करते है Plagiarism meaning in hindi तो में आपको बता दूँ। दूसरी वेबसाइट से कंटेंट मतलब साहित्यिक चोरी को प्लैगियरिज्म का नाम दिया गया है एसईओ में इसका बहुत बड़ा महत्व है यदि आपके कंटेंट में प्लैगियरिज्म पाया जाता है तो गूगल के अनुसार अलग अलग तरह से आपको इसका खामियाजा भुगतना पद सकता है।
Q2. क्या प्लैगियरिज्म और डुप्लीकेट कंटेंट एक होता है?
जी नहीं प्लैगियरिज्म मतलन किसी दूसरे का लिया हुआ कंटेंट अपनी वेबसाइट पर डालना जिसे गूगल गैरकानूनी मानता है। और डुप्लीकेट कंटेंट का मतलब है की हमारे ही द्वारा लिखा हुआ कंटेंट पर हमने वह कंटेंट अलग अलग पेजेज में इस्तेमाल किया है जिसे गूगल समझ लेता है की अपने एक जैसा कंटेंट कितने पेजेज में इस्तेमाल किया है। यह गैरकानूनी नहीं है पर ऐसा करने पर भी रैंकिंग में गिरावट देखि जा सकती है।
Q3. ब्लॉग के कंटेंट का प्लैगियरिज्म कैसे चेक करे?
यह बहुत आसान है आप फ्री टूल माध्यम से ऐसा कर सकते है ऊपर मेने आपको plagiarism checkers tools की लिस्ट दी है आप प्लैगियरिज्म चेक करने में उनका इस्तेमाल कर सकते है।
Q4. क्या 20% तक प्लैगियरिज्म ठीक है?
जी नहीं गूगल के अनुसार 20% या उससे भी काम प्लैगियरिज्म “साहित्यिक चोरी” ठीक नहीं माना जाता है। इसलिए कोसिस करे की कंटेंट में प्लैगियरिज्म हो ही ना क्योकि गूगल को यह मंजूर नहीं है।
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