परिचय
इस ब्लॉग में हम समझेंगे की लिंक क्या है? (What is Link in Hindi) और लिंक कितने प्रकार के होते है? (Types Of Links In Hindi) आमतौर पर लिंक (जिसे हाइपरलिंक बोलते है) जिसके माध्यम से किसी दूसरे पेज पर जाने की प्रक्रिया को लिंक बोलते है और ये तीन प्रकार की होती है
तो आएये एक एक करके तीनो तरह की लिंक को समझते है और आप लिंक के माध्यम से SEO कैसे अच्छा कर सकते है और लिंक को ठीक तरीके से इस्तेमाल करने के मूल तत्व कोनसे होंगे इनपर भी ध्यान देंगे
लिंक क्या है? (What is Link in Hindi) और SEO में क्यों महत्वपूर्ण है
लिंक एक माध्यम है जिससे आप एक पेज से दूसरे पेज को जोड़ सकते है जिसे हाइपरलिंक (Hyperlink) भी कहा जाता है, इसका इस्तेमाल एसईओ में भिन्न भिन्न तरीके से किया जाता है आगे समझते है हिंदी में लिंक कितने प्रकार के होते है,
जानते है लिंक कितने प्रकार के होते है? (Types Of Link in Hindi)
1. आंतरिक लिंक (Internal Link) – आंतरिक लिंक वह लिंक होते है को आपकी अपनी ही वेबसाइट के पेजेज या ब्लोग्स यदि को हाइपरलिंक के माध्यम से जोड़ कर रखते है ऐसी लिंक को आंतरिक लिंक (Internal Link) कहा जाता है
2. बाहरी लिंक (External Link) – बाहरी लिंक वह लिंक होते है जिसके माध्यम से आप अपनी वेबसाइट के पेजेज को किसी दूसरी वेबसाइट के पेजेज से जोड़ते है एक हाइपरलिंक के माध्यम से जिसे बाहरी लिंक (External Link) बोला जाता है
3. बैकलिंक (Backlinks) – SEO में यह एक हाइपरलिंक्स होते है जिसे हम किसी दूसरी वेबसाइट पर बनाते है जिसके माध्यम से User किसी अन्य की वेबसाइट से आपकी वेबसाइट पर आता है इस तरह की लिंक को बैकलिंक बोला जाता है

यह सभी प्रकार के लिंक SEO में अपनी अलग अलग भूमिका निभाते है और इन्हे पार सही तरीके से इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट एक अच्छा आयाम प्रदान कर सकते है तीनो तरीके की लिंक्स के महत्व को गहराई से जानते है और आप इन्हे कैसे इस्तेमाल करेंगे यह भी जानते है
1. आंतरिक लिंक (Internal Link)
आंतरिक लिंक के माध्यम से आप अपनी वेबसाइट पर आने वाले Users को अपने और अन्य पेजेज के बारे में बता सकते है example के लिए समझते है की यदि अपने एक ब्लॉग लिखा है की Link kya hote hai? और अंत में आपने लिंक के माध्यम से यूजर को बतया की बैकलिंक क्या होते है तो आप यूजर को अच्छे से नेविगेट कर रहे है की यदि आपको इस विषय के बारे में जानकारी मिल गयी है तो आप दूसरे विषय के बारे में भी पड़ सकते है,
Internal Link के माध्यम से आप users को अपनी वेबसाइट पर अधिक समय तक रोक सकते है जिससे आपके पेजेज या ब्लॉग का Average Session & Duration अधिक रहेगा और आपको SEO में मदद मिलेगी,
सही तरीके से यदि आप आंतरिक लिंक इस्तेमाल करते है तो Google के बॉट (bots) इंडेक्सिंग प्रक्रिया करते समय आपकी वेबसाइट को क्रॉल करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, बॉट आपके द्वारा बताये गए Internal Link को क्रॉल करते है और उन लिंक को भी इंडेक्स करते है इसलिए आंतरिक लिंक के माध्यम से आप अपनी वेबसाइट की Indexing को भी ठीक कर सकते है
उदाहरण से समझते है आपका कोई लोग है A और वह ब्लॉग Index है, और आपका दूसरा ब्लॉग है B और वह Index नहीं है तो यदि आप A ब्लॉग में B ब्लॉग को internal लिंक करते है तो आपके B ब्लॉग के इंडेक्स होने के चान्सेस काफी हद तक बढ़ जाते है
इंडेक्स के माध्यम से पेज को SERP (Search Engine Result Page) में होने पर दिखाया है अगर आपका कोई पेज या ब्लॉग इंडेक्स नहीं है तो किसी के लिए भी उन्हें ढूँढ़ना लगभग असंभव है।

वेबसाइट की इंडेक्सिंग में आंतरिक लिंक (Internal Link) कैसे मदद करता है?
इस ब्लॉग के माध्यम से में आपको कुछ तरीके बताने जा रहा हूँ पर इन तरीको से आप सोच सकते है की आपकी इंडेक्सिंग अच्छी है क्योकि पूर्ण रूप से Google भी इस विषय के बारे में सुनिश्चित नहीं करता है इसलिए में आपको ये नियम अपने पर्सनल एक्सपेरिंस से बता रहा हूँ,
मेरे अनुभव से में आपको ये बता सकता हूँ की हर ब्लॉग या पेज की ओर संकेत करने वाले पांच आंतरिक लिंक होना जरुरी है
जहा जरूरत ना हो वहाँ आपको Internal link देने की आवश्यकता नहीं है उदाहरण से समझते है आपका होम पर आपके अन्य किसी पेज से आसनी से एक्सेस किया जा सकता है बैसे ही आपके वेबसाइट में Contact Us पेज का लिंक हमेशा आपके फ़ुटर से भी सही होना चाहिए, इसलिए उनके लिए कोई भी अतिरिक्त लिंक देने की जरूरत नहीं हैं।
इसके अलावा, आम तौर पर किसी भी ऐसे पेज से लिंक करने से बचना एक अच्छा विचार है जो आपके नेविगेशन मेनू से पहले से ही उस पेजेज तक आसानी से पहुंचा जा सके। इसके बजाय, ट्रैफ़िक प्रवाह और क्रॉलर बॉट्स के लिए पहुँच सुनिश्चित करने के लिए डीप कंटेंट लिंक पर ध्यान केंद्रित करें ।
इसके अलावा जब आप किसी एक पेज को दूसरे पेज से इंटरनल लिंक कर रहे है तो जो आप Anchor Text दे रहे है वो ठीक तरिके से रखे जिससे यूजर को उस लिंक क विषय के बारे में आसानी से पता चल सके साथ ही में इस बात का भी ध्यान रखे की आप Do Follow लिंक ही दे जिससे पेज को Link Juice अच्छा प्राप्त हो सके.
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इसी के साथ आप पूर्ण रूप से यह सुनिश्चित कर सकते है की आपका पेज Google के क्रॉलर तक पहुंचा है की नहीं तो उसके लिए वेबसाइट का साइटमैप अपलोड जरूर अपलोड करे और ध्यान रखे की साइटमैप अपलोड करने के बाद उसे गूगल सर्च कंसोल में जरूर ऐड करे जिससे आपके इंडेक्सिंग के चान्सेस और अधिक बढ़ जायेंगे
इसके साथ आप एक और काम जो आप कर सकते हैं वह यह कि आपके पेज या ब्लॉग अपलोड होने के बाद उन्हें आप खुद से GSC में सबमिट कर दें। वहाँ आपको Url Inspection का ऑप्शन देखने को मिलेगा जिसके माध्यम से आप आसानी से ऐसा कर सकते है

ठीक तरीके से यदि आपने Internal Linking करी है उसके साथ साथ इन बातो का भी ध्यान रखा है तो आपके पेजेज और ब्लोग्स की इंडेक्स होने की परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी
2. बाहरी लिंक (External Link)
अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए बाहरी लिंक (External Link) एक अच्छा विकल्प होता है क्योकि वास्तव में अपनी वेबसाइट के लिए अधिक ट्रैफ़िक चाहते हैं परन्तु आपको इन्हे बनाते समय कुछ विशेष बातो का ध्यान रखना चाहिए,
समझते है हर वेबसाइट की SEO की दुनिया में एक अथॉरिटी होती है इसलिए हमें ध्यान देना होगा की जो external लिंक हमारी वेबसाइट पर आ रही है वह किसी अच्छी DA और PA वाली वेबसाइट से आ रही हो, अपने क्षेत्र में अन्य लोगों द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययनों और गाइडों से लिंक करना निश्चित रूप से एक अच्छा विचार है। लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप किन वेबसाइटों से लिंक कर रहे हैं, तथा कितने बैकलिंक्स दे रहे हैं।
क्या बाहरी लिंक से आपकी सर्च इंजन रैंकिंग को नुकसान हो सकता है?
जी ऐसा बिलकुल हो सकता है इसलिए में आपको समझाने की कोशिस करता हूँ, यदि आप ऐसी वेबसाइट से लिंक लेते है इसका Spam Score बहुत अधिक है तो बेसक आपकी वेबसाइट का Spam Score भी बढ़ने के चान्सेस हो जाते है लेकिन भले ही आप केवल उच्च-गुणवत्ता वाले संसाधनों से लिंक कर रहे हों, बहुत सारे बाहरी लिंक होने से वास्तव में आपकी वेबसाइट की वृद्धि धीमी हो सकती है। इसलिए सोच और समझ कर बाहरी लिंक का प्रयोग करे
यह विशेष रूप से ध्यान देने वाली बात है यदि आप अपनी मुख्य SEO रणनीतियों में से एक के रूप में लिंक बिल्डिंग पर भरोसा करते हैं। आपकी वेबसाइट से बहुत अधिक मात्रा में बाहरी लिंक होने से सही में आपके लिंक-बिल्डिंग प्रयासों को नुकसान पहुँच सकता है क्योंकि आप जो भी पेजरैंक जोड़ रहे हैं, वह तुरंत अन्य वेबसाइटों को दे दिया जाएगा।
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आप Ahrefs और Google Analytics जैसे टूल से अपनी लिंक गतिविधियों के प्रभाव को माप सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपका ट्रैफ़िक स्थिर हो गया है या गिर रहा है, तो अपनी वेबसाइट पर कुछ बाहरी लिंक साफ़ करने का समय आ गया है।
बाहरी लिंक के फायदे और नुकसान (Pros & Cons of External Link)
बाहरी लिंक के फायदे (Pros of External Links) | बाहरी लिंक के नुकसान (Cons of External Links) |
SEO रैंकिंग में सुधार:- सर्च इंजन में बाहरी लिंक एक रैंकिंग फैक्टर है जिससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग और वेबसाइट की अथॉरिटी बढ़ती है। | ट्रैफिक लॉस (Traffic Loss):- अधिक बाहरी लिंक देने से आप उसेर्स को अपनी वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट पर भेज रहे है जिससे आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक काम होने के चान्सेस हो सकते है और आपकी वेबसाइट का average session & duration कम होने लगता है |
बेहतर यूजर एक्सपीरियंस:- बाहरी लिंक के माध्यम से आपकी वेबसाइट पर आने वाले उसेर्स को कंटेंट के बारे में गहराई से पता चलता है जिससे उनका अनुभव बेहतर होता है | SEO पर नकारात्मक प्रभाव:- ज्यादा spammy वेबसाइट के एक्सटर्नल लिंक करने पर अपनी वेबसाइट की अथॉरिटी कम होने लगती है इसलिए सोच समझ कर दूसरी वेबसाइट का चयन करे |
बैकलिंक्स मिलने में मदद:- जब हम अच्छी वेबसाइट से External लिंक लेते है तो हम वेबसाइट के लिए अच्छी बैकलिंक बना लेते है जिससे DA और PA बढ़ने में मदद मिलती है | ब्रोकन लिंक (Broken Links) की समस्या:- बाहरी लिंक का इस्तेमाल करने से आपको पता नहीं होता है की जिस वेबसाइट से आप लिंक कर रहे है वो वेबसाइट वर्किंग है या है जिससे ब्रोकन लिंक की समस्या आपके सामने आ सकती है इसलिए समय समय पर अपनी वेबसाइट की बहरी लिंक को चेक करते रहे |
विश्वसनीयता बढ़ती है:- अच्छी वेबसाइटों से लिंक करने से आपकी साइट पर विश्वास बढ़ता है और यूजर्स को अधिक मूल्य कंटेंट मिलता है जिससे वह आपकी वेबसाइट पर भरोसा कर सकता है। | कॉम्पिटिटर्स को फायदा:- यदि आप अपने कॉम्पिटिटर की वेबसाइट से लिंक करते हैं, तो आपके उसेर्स उनके कंटेंट पर जा सकते हैं, जिससे आपकी अथॉरिटी कमजोर हो सकती है। और आपकी वेबसाइट के उसेर्स उनकी वेबसाइट पर जाना सुरु कर सकते है |
नेटवर्किंग निर्माण में मदद:- जब आप किसी अन्य वेबसाइट से बाहरी लिंक लेते है तो आपके रिलेशन उस वेबसाइट के ओनर के साथ बनते है जिससे लिंक चेंज करने में मदद मिलती है | अधिक लिंक से नुकसान:- बहुत अधिक बाहरी लिंकउसेर्स का ध्यान भटका सकते हैं और आपके कंटेंट को स्पैमी बना सकते हैं। |
“अपनी वेबसाइट को एक बगीचे के रूप में कल्पना करें। हर इनबाउंड लिंक एक पानी की धार की तरह होता है, जो आपके पौधों (वेबसाइट की अथॉरिटी) को पोषण देता है और उन्हें बढ़ने में मदद करता है। दूसरी ओर, जब आप बाहरी लिंक देते हैं, तो यह ऐसा होता है जैसे आप अपने बगीचे से कुछ पोषण लेकर किसी और के बगीचे में डाल रहे हों। यदि आप सही जगह पानी देते हैं, तो आपका बगीचा फलता-फूलता रहेगा, लेकिन यदि आप जरूरत से ज्यादा पानी बहा देते हैं, तो आपकी मिट्टी (SEO पावर) कमजोर हो सकती है।”
3. बैकलिंक (Backlinks) :- अच्छी बैकलिंक्स का हमारी वेबसाइट पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है इसलिए हमें ऐसी वेबसाइट से बैकलिंक्स लेने चाहिए जिनकी डोमेन अथॉरिटी हमरी वेबसाइट से ज्यादा हो, जिससे उन वेबसाइट की अथॉरिटी हमारी वेबसाइट को भी मिले, मेने आपको अपने पिछले ब्लॉग में बतया है, की बैकलिंक क्या होते है कैसे काम करते है और आप high quality की बैकलिंक्स कैसे बना सकते है वो ब्लॉग जरूर पड़े
Frequently Asked Questions FAQs
1. आंतरिक लिंक (Internal Link) क्या होता है और यह SEO के लिए क्यों जरूरी है?
आंतरिक लिंक वे लिंक होते हैं जो आपकी वेबसाइट के एक पेज से दूसरे पेज को जोड़ते हैं। ये लिंक यूजर को आपकी वेबसाइट पर अधिक समय तक बनाए रखने में मदद करते हैं और साइट की नेविगेशन को बेहतर बनाते हैं। SEO के नजरिए से, सही तरीके से आंतरिक लिंकिंग करने से गूगल बॉट्स को आपकी साइट की बेहतर इंडेक्सिंग में मदद मिलती है और इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार हो सकता है।
2. बाहरी लिंक (External Link) क्या होता है और इसका उपयोग कब करना चाहिए?
बाहरी लिंक वे लिंक होते हैं जो आपकी वेबसाइट से किसी दूसरी वेबसाइट की ओर जाते हैं। जब आप किसी अन्य वेबसाइट के विश्वसनीय कंटेंट या सोर्स को अपने आर्टिकल में जोड़ते हैं, तो यह बाहरी लिंक कहलाता है। इसका उपयोग तभी करना चाहिए जब आप किसी उपयोगी और विश्वसनीय वेबसाइट से जुड़ रहे हों, ताकि आपकी वेबसाइट की क्रेडिबिलिटी बढ़े और यूजर्स को बेहतर जानकारी मिल सके।
3. बैकलिंक (Backlink) क्या होता है और यह वेबसाइट रैंकिंग में कैसे मदद करता है?
जब कोई दूसरी वेबसाइट आपके पेज का लिंक अपने पेज पर जोड़ती है, तो उसे बैकलिंक कहा जाता है। यह SEO के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह गूगल को यह संकेत देता है कि आपकी वेबसाइट भरोसेमंद और मूल्यवान है। अगर आपकी वेबसाइट को हाई-DA (Domain Authority) वाली साइट्स से बैकलिंक्स मिलते हैं, तो आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार होता है और ट्रैफिक भी बढ़ता है।
4. क्या ज्यादा बाहरी लिंक देने से वेबसाइट की अथॉरिटी कम हो जाती है?
हाँ, अगर आप बहुत अधिक बाहरी लिंक दे रहे हैं, खासकर बिना सोचे-समझे, तो इससे आपकी वेबसाइट की अथॉरिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जब आप किसी वेबसाइट को लिंक देते हैं, तो आप अपनी साइट का “लिंक जूस” शेयर कर रहे होते हैं। अगर यह सही वेबसाइट को नहीं मिला, तो आपकी SEO वैल्यू कम हो सकती है। इसलिए, बाहरी लिंक हमेशा सोच-समझकर और अच्छी वेबसाइट्स को ही देने चाहिए।
5. क्या NoFollow और DoFollow लिंक SEO में महत्वपूर्ण होते हैं?
हाँ, दोनों प्रकार के लिंक SEO में महत्वपूर्ण होते हैं।
DoFollow लिंक: ये गूगल बॉट्स को आपकी वेबसाइट के लिंक को फॉलो करने और लिंक जूस पास करने की अनुमति देते हैं। ये SEO के लिए फायदेमंद होते हैं।
NoFollow लिंक: ये गूगल को संकेत देते हैं कि इस लिंक को क्रॉल न किया जाए और इससे लिंक जूस पास नहीं होता। इन्हें आमतौर पर विज्ञापन, फोरम या कमेंट सेक्शन में इस्तेमाल किया जाता है।
SEO रणनीति में सही संतुलन बनाए रखना जरूरी है ताकि आपकी वेबसाइट की रैंकिंग स्थिर बनी रहे।
6. Anchor Text क्या होता है और SEO में इसका क्या महत्व है?
Anchor Text वह टेक्स्ट होता है जिस पर क्लिक करके यूजर किसी अन्य पेज पर जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप “बेस्ट SEO टिप्स” पर क्लिक करके किसी अन्य आर्टिकल पर जाते हैं, तो “बेस्ट SEO टिप्स” ही आपका एंकर टेक्स्ट होगा। SEO के लिए एंकर टेक्स्ट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गूगल को यह समझने में मदद करता है कि लिंक किया गया पेज किस बारे में है। सही और रिलेटेड एंकर टेक्स्ट का इस्तेमाल करने से आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बेहतर हो सकती है।
7. Spammy वेबसाइट से लिंक करने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
अगर आप ऐसी वेबसाइट से लिंक लेते हैं या देते हैं जिसका स्पैम स्कोर बहुत ज्यादा है, तो इसका आपकी वेबसाइट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:
- वेबसाइट की अथॉरिटी कम हो सकती है
- Google आपकी वेबसाइट को स्पैम समझकर पेनाल्टी लगा सकता है
- ट्रैफिक में गिरावट आ सकती है
- यूजर एक्सपीरियंस खराब हो सकता है